सरकार ने जमीन की नापी कराने की जिम्मेवारी रैयतों को सौंप दी है। अमीन आपकी जमीन पर नापी करने के लिए जाएंगे। इस दौरान आपको दखल-कब्जा होने की जानकारी देनी होगी। यदि आपकी जमीन खतियान के मुताबिक दखल-कब्जा में नहीं है तो नक्शा कम जमीन का बनेगा। सर्वे की फाइनल रिपोर्ट में आपकी जमीन कम हो जाएगी। इस कारण सरकार द्वारा लोगों को अपनी जमीन की मेड़ को ठीक करने और सीमांकित करने की अपील की जा रही है।ताकि, खतियान में उपलब्ध जमीन के रकबा को नापी के दौरान दखल-कब्जा में रैयत दिखा सके। यदि जमीन के नापी के बाद नक्शे में गड़बड़ी पाई जाती है तो अपील करने का अधिकार रैयत के पास होगा। रैयत की आपत्ति के निराकरण करने के लिए जमीन की दोबारा नापी होगी। नक्शा में सुधार किया जाएगा। वर्तमान समय में पटना समेत राज्य के सभी जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायतवार ग्राम सभा चल रही है। इस दौरान लोगों को आवेदन फॉर्म देने के साथ सर्वे के संबंध में विस्तार से जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। जो लोग गांव में नहीं है वे ऑनलाइन आवेदन दे सकते हैं। लेकिन, नापी के दौरान जमीन पर खुद या प्रतिनिधि के माध्यम से दखल-कब्जा की जानकारी देनी होगी।
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