राजधानी पटना:- (patna) करीब 50 किमी दूर स्थित खपुरा गांव है। जहां के लोग आज भ पानी लाने दूसरे गांव जाते है। बच्चों को पढ़ाने स्कूल भेजते हैं, लेकिन वहां की छत में भी बड़ी- बड़ी दरारें है जिस से परिजनों को बच्चों के ऊपर छत गिर जाने का डर सताते रहता हैं। अगर इस गांव में कोई बीमार पड़ जाए तो उसके इलाज के लिए गांव में एक भी स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। गांव के लोगों को 8 किलेमिटर दूर प्रखंड स्थित सरकारी हॉस्पिटल जाना परता परता है। आप को बता दें 2023 में सीएम नीतीश कुमार इस गांव में झंडा फहराने पहुंचे थे। तब उन्होंने कहा था, ‘हम बिहार को विकसित राज्य बनाने के लिए पूर्ण संकल्पित हैं। इसके पीछे वजह यह है कि महादलित समाज के सबसे अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को हम मुख्यधारा में लाना चाहते हैं। महादलितों का भी संवैधानिक अधिकार है। इसलिए हम हर साल महादलित टोले में जाकर झंडारोहण करते हैं और अपने तमाम अधिकारियों मंत्रियों को भी महादलित टोले में जाकर झंडा फहराने के निर्देश दे चुके हैं। हम चारों तरफ काम करवा रहे हैं।’ मुख्यमंत्री के खपुरा में आकर यह बातें कहने के बाद से गांव के लोगों को यह यकीन हो गया था कि, अब गांव में विकास के काम तेजी से होंगे, लेकिन बीते एक साल से गांव के लोग इन कामों के लिए सिर्फ इंतजार ही कर रहे हैं।
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